
सूख चुके आँखो में पानी
अब कौन भरने आएगा?
जो शहीद हुए उनकी कुरबानी
अब कौन हमें बताएगा?
कवि प्रदीप के चिंतन पर
दीदी का रूदन ना होगा।
ए मेरे वतन के लोगों
यह गीत अब नहीं रहेगा।
जब घायल हुआ ह
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सूख चुके आँखो में पानी
अब कौन भरने आएगा?
जो शहीद हुए उनकी कुरबानी
अब कौन हमें बताएगा?
कवि प्रदीप के चिंतन पर
दीदी का रूदन ना होगा।
ए मेरे वतन के लोगों
यह गीत अब नहीं रहेगा।
जब घायल हुआ ह