![चश्म-ए-तर क्लब निकला आज मौसम-ए-गुल सुहाने में
तजकीरा महबूब का भी तो बैठा रहा इस दिल दीवाने में
जफर ये बर्ग-ए-खिजां काबिल न है अब तकल्लुफ के तुम्हारे
क्यों ढक दिया इसने वो मंजर सारा जो बनाया था हमने इक जमाने में's image](/images/post_og.png)
चश्म-ए-तर क्लब निकला आज मौसम-ए-गुल सुहाने में तजकीरा महबूब का भी तो बैठा रहा इस दिल दीवाने में जफर ये बर्ग-ए-खिजां काबिल न है अब तकल्लुफ के तुम्हारे क्यों ढक दिया इसने वो मंजर सारा जो बनाया था हमने इक जमाने में
चश्म-ए-तर क्लब निकला आज मौसम-ए-गुल सुहाने में
तजकीरा महबूब का भी तो बैठा रहा इस दिल दीवाने में
Read More! Earn More! Learn More!