![वक़्त की बाँहें's image](https://kavishala-ejf3d2fngme3ftfu.z03.azurefd.net/kavishalalabs/post_pics/%40kaushal-kumar-joshi/None/time-running-out-concept-71114394_28-12-2022_17-42-06-PM.jpg)
ना जाने वक़्त की बाँहें कितनी बड़ी हैं,
जब भी छू के निकलता है, सब समेट ले जाता है
वो सारे लम्हे, वो सब नज़ारे,
जिनकी मुझको, तुमको, सबको ज़रूरत है,
कुछ अधूरे ख़्वाब कामिल करने हैं,
कुछ ग़लतियाँ सुलझानी हैं,
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ना जाने वक़्त की बाँहें कितनी बड़ी हैं,
जब भी छू के निकलता है, सब समेट ले जाता है
वो सारे लम्हे, वो सब नज़ारे,
जिनकी मुझको, तुमको, सबको ज़रूरत है,
कुछ अधूरे ख़्वाब कामिल करने हैं,
कुछ ग़लतियाँ सुलझानी हैं,