
एक अरसे से ना देखा, ना पूछा,
ना ही कोई बात, ना ही मुलाक़ात,
पर तुम हो कि जाती ही नहीं
यूँ तो उस रोज़ भी कुछ ना था
जैसे तब था अब भी वो ही है,
मेरे सपनों में आयी है कुछ कमी
कितने बदल गए है ना अब हालात!
पर तुम हो कि जाती ही नहीं
उदासी अब भी घेर लेती है कभी,
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