साल बीतते गये
उम्र बड़ती गई
कुछ रिश्ते बने
कुछ टूट गये
कुछ दोस्त बने
कुछ छूट गये
रेस थी कभी
अब ठहराव है
साल बीतते गये
उम्र बड़ती गई
ज़माने को दिखाना है
से ख़ुद को आज़माना है
सब से आगे<
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साल बीतते गये
उम्र बड़ती गई
कुछ रिश्ते बने
कुछ टूट गये
कुछ दोस्त बने
कुछ छूट गये
रेस थी कभी
अब ठहराव है
साल बीतते गये
उम्र बड़ती गई
ज़माने को दिखाना है
से ख़ुद को आज़माना है
सब से आगे<