संपत्ति और समृद्धि है
-© कामिनी मोहन।'s image
351K

संपत्ति और समृद्धि है -© कामिनी मोहन।

संपत्ति और समृद्धि है,
लेकिन वह हमको छूती नहीं है।
क्योंकि एक-एक चीज़ के लिए,
यहाँ सब आपस में ही लड़ते रहते हैं।

भावनाओं और कल्पनाओं की दुनिया,
असल जीवन में एडजस्ट नहीं होती है।
अलगाव, झुँझलाहट, तृष्णा के कारण,
तक़लीफ़े दूर नहीं होती हैं।

जब भीतर उत्पन्न हो निस्संगता,
तो वितृष्णा घेरने लगती है।
समृद्धि के विशाल सम्बल में,
मन चुप और भावनाएँ छुपने लगती है।

कोई कितनी भी कर ले कोशिश
सब कुछ के बा
Read More! Earn More! Learn More!