![सब खोकर - कामिनी मोहन।'s image](https://kavishala-ejf3d2fngme3ftfu.z03.azurefd.net/kavishalalabs/post_pics/%40kaminimohanjournalist/None/1661664282292_28-08-2022_10-54-46-AM.png)
पहाड़-सा जीवन
आडिग रहने को तत्पर।
पानी से चोट खाकर
टूटता दूर तक जाता अक्सर।
थम न सके बादल
दो पलकों के कोर से
टपकी बूँदे पाकर।
कोशिश कोरे सफ़े पर
इन्द्रधनुष खिले
समय के पार जाकर।
जैसे हो फ़रमान
रंगों को थाम लेने की।
वहाँ जहॉं बरसते समय <
आडिग रहने को तत्पर।
पानी से चोट खाकर
टूटता दूर तक जाता अक्सर।
थम न सके बादल
दो पलकों के कोर से
टपकी बूँदे पाकर।
कोशिश कोरे सफ़े पर
इन्द्रधनुष खिले
समय के पार जाकर।
जैसे हो फ़रमान
रंगों को थाम लेने की।
वहाँ जहॉं बरसते समय <
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