प्रेम का सारांश- कामिनी मोहन।'s image
292K

प्रेम का सारांश- कामिनी मोहन।

रवाज़े पर कोई नई दीवार
खड़ी थीं।
नये दरवाज़े रास्ते बदल चुके थे। 
उस पर कुछ छायाएँ
कुछ बाहर कुछ भीतर खड़ी थीं।


अब तक

Read More! Earn More! Learn More!