
किरदार निभाओ तो
- © कामिनी मोहन पाण्डेय।
मनुष्यता का किरदार निभाओ तो
सदिया अक़्सर याद करती है।
यदि नज़र महान और मोहिनी हो तो
दुनिया शानदार दिखती हैं।
आँखे ब्लैक एण्ड व्हाइट होने के बावजूद
अनंत रंगों को देख लेती हैं।
क़रीब से काग़ज़ पर लिखे को भले न देखे
थोड़ी दूर से सब साफ़ देख लेती है।
ज़ेहन में जो भीड़
- © कामिनी मोहन पाण्डेय।
मनुष्यता का किरदार निभाओ तो
सदिया अक़्सर याद करती है।
यदि नज़र महान और मोहिनी हो तो
दुनिया शानदार दिखती हैं।
आँखे ब्लैक एण्ड व्हाइट होने के बावजूद
अनंत रंगों को देख लेती हैं।
क़रीब से काग़ज़ पर लिखे को भले न देखे
थोड़ी दूर से सब साफ़ देख लेती है।
ज़ेहन में जो भीड़
Read More! Earn More! Learn More!