" इंद्रधनुष बने भी तो "
- © कामिनी मोहन।'s image
397K

" इंद्रधनुष बने भी तो " - © कामिनी मोहन।

तैर कर नदी को पार कर पाना
सबके लिए संभव नहीं होता है।
गाहे-बगाहे धारणा बनाना
फिर पलट जाना संभव नहीं होता है।

कुछ रास्ते बदल जाते हैं
तो कुछ आगे बढ़ते रहने के बावजूद
मील के पत्थर पर रूके रह जाते हैं।
गाँठ पड़ जाए तो ग़ायब होते नहीं
हवाओं के चोट खाकर
पड़ी सिलवटे उभरे रह जाते हैं।

याद में दर्ज रहतीं है ज़रूरत की चीज
Read More! Earn More! Learn More!