गोचर दृष्टि पाने को - कामिनी मोहन ।'s image
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गोचर दृष्टि पाने को - कामिनी मोहन ।

गोचर दृष्टि पाने को - कामिनी मोहन ।

सामने दीवार पर टंगी हुई तस्वीर ने 
समय को रोककर भरमाया 
लचकते शरीर में लावण्य की दमक 
उभरी हुई सौंदर्य की आभा 
विचारमग्न होंठो में 
दबी रहस्यमयी मुस्कान 
अनुराग संग छलकतीं माया 
और आँखों के दो दीपों में झलकती काया हठात सत्यता मान लेता हूँ।

मानवी हो या कि दानवी
वास्तविक हो या कि अवास्तविक 
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