
अपनी मर्ज़ी से - © कामिनी मोहन।
आँसुओं के थम जाने पर
बचती है सिर्फ़, एकटक देखती आँखें
नज़र में साफ़ ठहरता नहीं कुछ भी
मौन रहती हैं मन की आँखें
एक ने कहा
यह क्रिया प्रेम के कारण है
इसे समझा जाए
दूसरे ने कहा नहीं
यह मोह के कारण है
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