239. निर्माताओं की असाधारण दुनिया
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239. निर्माताओं की असाधारण दुनिया - कामिनी मोहन।

निर्माताओं की असाधारण दुनिया

जब तक घाव भर नहीं जाता
तब तक वह करता है नियंत्रित
जितना ऊपर उतना नीचे
और जितना भीतर उतना बाहर
बात एक जैसी पर है अनियंत्रित

बाहर से सामान्य
भीतर से जटिल
कारणों को भूलकर
मन्द-मन्द हँसकर
जो सहन शक्ति दे जाते हैं।
वो जो मुझमें है
और जो नहीं है
एक कारण पर अटककर
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