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234. अनुमान के कटघरे में - कामिनी मोहन।

कभी-कभार मुझे लगता है कि

मैं आधा अंदर और आधा बाहर हूँ।

कभी-कभी मैं अतीत का क़ैदी

और भविष्य का अग्रणी हूँ।

प्रतिक्रिया की परवाह नहीं
पुराने तरीके के उत्साह के लिए लालायित हूँ।
प्रत्येक प्रक्रिया में अलग-थलग होता हूँ
कुछ लोगों के लिए सही
और कुछ लोगों के लिए ग़लत होता हूँ

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