
उनके लिए रिश्ते ही मर चुके हैं इस बुरे वक्त में।
वो जिनके लिए पेशा हैं इश्क-ए-कोरोना।
वो जियें भ्रम तोड़ के, के उन्हें नहीं देख रहा कोई
वो जिनके लिए पेशा हैं इश्क-ए-कोरोना ।
उन्हे लोग ईश्वर अल्लाह जीसस वाहे गुरू कह रहे हैं।
और वो पेशा-ए-इश्क-ए-कोरोना कर रहे हैं।
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