
तेरी आँखों में जो ख्वाब बुनते रहे,
हम वही रौशनी बन के जलते रहे।
तेरी बातों में जादू सा कुछ था मगर,
हम हर लफ्ज़ को बस इबादत कहे।
तेरी यादों की चादर में लिपटे हुए,
रात भर चाँद
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तेरी आँखों में जो ख्वाब बुनते रहे,
हम वही रौशनी बन के जलते रहे।
तेरी बातों में जादू सा कुछ था मगर,
हम हर लफ्ज़ को बस इबादत कहे।
तेरी यादों की चादर में लिपटे हुए,
रात भर चाँद