
मै बुरा फँसा लोगो की भीड में
सच दिखाऊँ तो जान को खतरा
ना दिखाऊँ तो मानवता शर्मसार होगी
मेरे हर कदम पर मुसीबत है ।
नही बना हूँ किसी अलग मिट्टी हूँ
सच तो जिंदा रहेगा चाहे खतरा हो
नही होने दूंगा मानवता शर्मसार
लोकतंत्र का मजबूत स्तम्भ हूँ मै
मै चलता हू
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