तुम चीखते रहो चिल्लाते रहों
फिर भी वो उसे नाटक समझेंगे ,
बेच डाला जिन्होने खुद को
वो तुम्हारा दर्द क्या समझेंगे ,
यही तो मेरे देश का सिस्टम है
तुम रोते रहो वो उसे खेल समझेंगे ,
समय से तो पहुची थी परीक्षा देने
भ्रष्ट तंत्र ने उसे परीक्षा मे बैठने न दिया ,
समय से ही टहला
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