
काश तुम समझ पाते, काश तुम्हें भी मेरा इंतज़ार होता,
मेरे संग गुज़ारे हर एक लम्हे का तुम्हें भी अरमान होता,
ख़ैर, कैसे गुजर रही है मेरी ज़िंदगी तुम्हारे साथ होये बग़ैर,
काश, तुम्हें भी मेरे इस सूनेपन का ज़रा सा ऐहसास होता॥
युँ तो बहुत ख़ुशनुमा सा हूँ मैं सबके साथ,
हँसता खेलता गुनगुनाता भी हूँ सबके साथ,
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