घर से दुर रह रहे लोगो के लिए!!!!
जैसा हूँ वैसा न होता, शायद ....शायद थोड़ा और अच्छा होता,
थोड़ा नादान होता, थोड़ा बेफ़िक्र होता, पर जैसा भी होता,
अपने घर के आँगन में सुकून वाली गहरी नींद तो सोता,
गर ये जिम्मेदारियाँ न होती तो मैं यहाँ न होता!!
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