
दुनियाँ से रूबरू होने का ख्याल या तेरे जाने का मलाल,
किसी नये के आने की उम्मीद या पीछे छूटे कुछ सवाल,
हर पल बेताबी और रगों में दौड़ता उबाल,
हूँ अभी भी वही मैं
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दुनियाँ से रूबरू होने का ख्याल या तेरे जाने का मलाल,
किसी नये के आने की उम्मीद या पीछे छूटे कुछ सवाल,
हर पल बेताबी और रगों में दौड़ता उबाल,
हूँ अभी भी वही मैं