न तुम्हे चांद ही कहूं
न तुम्हे सांझ ही कहूं
न हो तुम कोई भोर
न ही कोई ज्योत।
तुम्हे बांध के छंद में
पिरो कर तरानो में
डालकर पैरों में
उपमाओं
न तुम्हे सांझ ही कहूं
न हो तुम कोई भोर
न ही कोई ज्योत।
तुम्हे बांध के छंद में
पिरो कर तरानो में
डालकर पैरों में
उपमाओं
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