मित्र 'परम' मित्र's image
194K

मित्र 'परम' मित्र

मित्र 'परम ' मित्र


किसे कहूँ आज मैं निराश हूँ?

'मित्र' या 'परम मित्र को

जो समझ ना सका कठोरतम पहाड़ से निकालते हुए निर्झर पानी की छींटों

के समान हल्के निराशा को,

किससे कहूँ वे शब्द जो,

जो ठंड में चुभे पहाड़ी आभा के समान

'मित्र

Read More! Earn More! Learn More!