
आज की ग़ज़ल
===========
हर तरफ़ खामोशी का डेरा है
हाल जो तेरा है वो मेरा है
रात कटती नहीं तन्हाई की
धुंध में खो गया सवेरा है
कौन ठहरा है उम्र भर के लिय
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आज की ग़ज़ल
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हर तरफ़ खामोशी का डेरा है
हाल जो तेरा है वो मेरा है
रात कटती नहीं तन्हाई की
धुंध में खो गया सवेरा है
कौन ठहरा है उम्र भर के लिय