बिना गुनगुनाएं,रहा भी न जाएं।।
गम या खुशी हो चाहे,निंदीया सताएं, बिना,,,,
निकलती है आहें भर के,दिल से तरंगें,
सफर चाहें कैसे भी हो , छोटे या लंबे,
कोई याद आएं,या चाहे न आएं,बिना गुनगुनाएं,,,
करम करते अंदर,से हरदम निकलते,
Read More! Earn More! Learn More!