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संघर्ष से संघर्ष

संघर्ष से संघर्ष 



रुको नहीं तुम जरी रखो ,संघर्ष से संघर्ष करना ,


बहुत निकट आ खड़े हुए हो ,अब चंद पग ही है चलना ,


थोडा धुंधल कुहासा है ,थोडा शख्त पवनो का बहना ,


बस रवि प्रताप आते ही ,प्रकाशित होगा सुन्दर सपना ,


कुछ और शर्वरी में जलकर सायक, कर दो खुशियाँ अर्पण ,


बस होते ही भोर मिलेगा वापस खुशियों का वो दर्पण ,


समस्याएं मूल चुनौती है ,दूर नहीं इनसे भगना ,

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