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पापा के जन्मदीन पर एक और कविता

 मां तुम्हारे बिना पापा का जन्मदिन हम कैसे मना पाएंगे।मुझे नहीं पता था आधी रात को

पापा के जन्मदिन पे प्रभु नीलू दीदी और मेरी मां का आशिर्वाद आज अपने बेटे सनी से लिखवाएंगे।


पापा करते थे मां आपको कितना प्यार वो सारे किस्से तुम्हारे जाने के बाद हमें सुना रहे।

दास्तान पूरी तो नहीं कुछ कुछ इस पोस्ट के ज़रिए बता रहे।



कई लोग थे उस वक्त मां आपके खिलाफ़।

पापा कहते ना तुम्हारी मां ने मेरा ना कभी मैंने छोड़ा तुम्हारी मां का साथ।


जब हुई थी हमारी शादी।

नहीं पता था हम दोनों को हमारी ज़िन्दगी में इतनी मुसीबतें आनी थी बाकी।


हर मुश्किल घड़ी में एक दूसरे हम दोनों ने पूरा साथ निभाया।

पापा ने आप दोनों के प्यार वाला एक एक किस्सा रोज़ हमें सुनाया।


पापा कहते है

कुछ अपने ही थे जो उस वक्त बेटी होने पे तुम्हारी मां को देते थे ताने।

लेकिन हम दोनों कभी उनके आगे हार ना माने।


मोना दीदी के बाद तरन दीदी का जन्म हुआ।

प्रभु से भाई को पाने के लिये दोनों बहने करती थी दिन रात दुआ।


एक बहन ने तो उस वक्त छोटी उम्र में प्रभु के पास चली जाना।

मां हम कब अपने भाई को राखी बांधेगी कह कर दोनों बहनों ने रोने लग जाना।

पापा बताते है उस वक्त तुम्हारी मां अपनी बेटियों को गले लगा कर कहती थी देखना तुम्हारा भाई बड़ी जल्दी तुम्हारे पास आ जाना।


फिर पापा कहते है जब तुम्हें प्रभु ने तुम्हारी मां की गोद में दिया।

तुम्हारी मां और मैंने

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