
आज होगी लोहड़ी के त्यौहार की बात ।
जो सच होता वो ही लिखवाते प्रभु,नीलू दीदी और मेरी मां मिलकर लिखवाते अपने बेटे सनी से फिर चाहे दिन हो या हो आधी रात ।
आज हर कोई लोहड़ी का त्यौहार मनायेगा ।
मां तेरे बिना हर त्यौहार हमारा हर बार अधूरा रह जायेगा।
प्रभु,नीलू दीदी की कलम और मां तेरे आशिर्वाद से ये नादान सनी अपनी आखरी सांस तक लिखता ही जायेगा।
आज ज्यादातर लोग बेटे की करते है प्रभु आपसे मांग।
लेकिन एक बात समझ नहीं आती कल को अगर बेटियां ना मिली तो उनके बेटे किसकी भरेंगे सिंदूर से मांग।
जन्नत प्रभु आपने है जैसी बनाई ।
बेटियां भी प्रभु आपने वैसे ही फुर्सत से है बनाई।
बेटा बेटी के फ़र्क को कम करना होगा।
बेटियों के दिल को भी समझना होगा।
अगर कोई बेटे को कोई लड़की पसंद आ जाये तो पूरा परिवार खुशी से उसकी
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