
आज हमारे देश की किसी भी नदी का पानी नहीं रहा साफ़। क्यों की लोगों के दिलों में भर गया बहुत पाप।
आज कल लोग सिर्फ पैसों से रिश्ते चलाते।
जिसके पास पैसा नहीं उसे अपने घर तो छोड़ो कभी उसे सीधे ढंग से भी नहीं बुलाते।
वक़्त रहा नहीं सनी लोगों के पास इस लिऐ जब कोई दुनिया छोड़ के जाएं।
लोग उसे जल्दी से जल्दी जलाएं।
मैंने ऐसे लोग भी देखे है जो मरने वाले का अफसोस तक ना मानते। मरने वाले की ज़मीन और पैसों से उसके खुद के बच्चे और रिश्तेदार अपनी नज़र ना हटाते।
सब कुछ हमें मिल जाएं इस सोच के साथ सालों पुराने रिश्ते यहां पल भर में टूट जाते।
आज कल के इंसान बटवारे को लेकर अपने खून के रिश्तेदारों से रूठ जाते।
जो मर जाता है मरने के साल बाद उन्हें उनकी मौत याद आना।
फिर उनकी
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