Ab Mann Nahi Hain's image

अब मन नहीं है... 

संवारना इस घर को, खुद को, सब कुछ उनके मुताबिक करना 

अब मन नहीं है....

वो पसोपेश में रहना, ये ग़लत वो सही

वो तीखे धीमें तंज़ वो सिसकियों से रोना

संजोना वो खुद को, फिर वोही सपने पिरोना

अब मन नहीं है...

अवहेलना,

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