झील के उस पार....'s image
104K

झील के उस पार....

बीते दिनों की बात है,


झील के उस पार हम भी पहुंचे थे,


ख्वाबों का काफिला लेकर,


बेचैन, झील की लहरों की माफिक,


बहते-बहते, कहते-कहते।




तट से दूर, वादों से मजबूर,


झील की गहराई में,


उसके पांव के निशां खोजते,


सफ़ा-वफा के किस्से कहते-सुनाते।




जब पहुंचे बीच भंवर तो याद आया,


उसके गालों के गड्ढे,


जो सजते थे दो कमल की भांति,


मुखड़े पर चमचमाती थी कांति,


वही तैर रही थी लट उसकी,


बन बुनियादी प्रेम कहानी,


सुना भी था, देखा भी,


उसकी आंखे झील जैसी।




यकायक! मांजी ने पुकारा,


"ओ साथी" ठहरों,


भावन

Read More! Earn More! Learn More!