दर्द एक मुनासिब नहीं,
मिरी किस्मत में,
है हजार दाखिल,
दर्द इस दिल में,
एक नजर नहीं उठती,
एक आंसू भर नही थमता,
एक याद कुछ यूं बसर करती है।
कि हर आह पर दि
मिरी किस्मत में,
है हजार दाखिल,
दर्द इस दिल में,
एक नजर नहीं उठती,
एक आंसू भर नही थमता,
एक याद कुछ यूं बसर करती है।
कि हर आह पर दि
Read More! Earn More! Learn More!