माँ's image

माँ के अरमानों को मैंने

चूल्हे में जलते देखा है

माँ के जज़्बातों को मैंने

पर्वत से लड़ते देखा है


घूँघट की रस्मों को

क्या ख़ूब निभाया उसने

बेटी से बहू बनने का

हर फ़र्ज़ निभाया उसने

देर रात सिरहाने

आंखों को मलते देखा है

हाँ मैंने माँ के आंसुओं को 

सूरज सा ढलते देखा है


हाँ देखा है मैंने

ममता की सूरत को

हाँ देखा है मैंने

दया की मूरत को

उसके भोले मन में मैंने

Tag: HindiKavita और5 अन्य
Read More! Earn More! Learn More!