कवि ने फिर से लिखी है कोई कविता
कवि ने इस बार उसमें भूख लिखा है
कवि जानता है कि
भूखे पेट काम नहीं होते
लेकिन कविता लिखी जा सकती है
उसने लिख डाला है
महँगे हो गए सिलेंडर के दाम
दिनभर के किये
बिना मज़दूरी के काम
कोटे में न मिलने वाले राशन
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