ऐ मुन्ने तू मुझे बता, तेरे क्या क्या सपने हैं
कौन से हैं औरों ने चुने, और कौन से तेरे अपने हैं।
कदम कदम पर लोग कहेंगे, क्या करना है क्या नहीं।
इधर उधर की राह पकड़कर, भटक न जाना तू कहीं।
बाकी सबकी बातें छोड़, बात तू अपने दिल की सुन।
तेरी मंज़िल जो रस्ता जाये, राह वही तू खुद से चुन।
मछली को तुमने देखा है, क्या कभी पेड़ पर चढ़ते।
या किसी बाज को तुमने पाया, कभी ऊँचाई से डरते।
सबके अपने गुण दोष हैं, अपनी अपनी है शक्ति।
प्रभु ने सबको कुछ ख़ास दिया, भिन्न है हर व्यक्ति।
ना कर किसी से तुलना तू, मार्ग तेरा व गति भी तेरी।
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