नूतन नवल उमंग's image
103K

नूतन नवल उमंग

नव संवत्, नव चेतना, नूतन नवल उमंग।
साल पुराना ले गया, हर दुख अपने संग।।  

चैत्र शुक्ल की प्रतिपदा, वासन्तिक नवरात।
संवत्सर आया नया, बदलेंगे हालात।। 

जीवन में उत्कर्ष हो, जन-जन में हो हर्ष। 
शुभ मंगल सबका करे, भारतीय नव वर्ष।।

शुरू हुआ था सृष्टि का, इस दिन ही निर्माण।
वीर- विक्रमादित्य का, गूँजा था
Tag: poetry और3 अन्य
Read More! Earn More! Learn More!