![आदिवासीयत's image](/images/post_og.png)
विस्तार करो विस्तार से
उस इतिहास के साक्षात्कार से
मां सिंधु के कगार से
और सिंधु घाटी के उन विचार से ।।
पनपी जो सभ्यता उन घाटों में
जो खुद विकास का दृष्टांत है
क्या कमी तलाशे उस सभ्यता में
जिसका इतिहास खुद सूर्य सा विक्रांत है
जल , जंगल दर्शाना उसके लिए जीवन का अभिमान है
गौरविंत आदिवासी है और आदिवासियत उसका नाम है ।।
क्या खोजोगे तुम वेद पुराणों में
खोज सको तो खोज लो उन वृक्षो के तुम प्राणों में
क्या ढूंढोगे तुम पुरातत्व के उन पन्नों में
मिल जायेगा उत्तर तुम्हे अपने ही भीतर उन प्रश्नों में
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