
रक्त नहीं बहाया था तुमने,
सिंदूर को ललकारा था,
आंसू नहीं बहाये थे देख लो,
अंगारों को पुकारा था,
उन्हीं चिताओं की राख से,
बना कर ज्वालामुखी हमने,
आज आसमान सिंदूरी कर दिया,
त
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रक्त नहीं बहाया था तुमने,
सिंदूर को ललकारा था,
आंसू नहीं बहाये थे देख लो,
अंगारों को पुकारा था,
उन्हीं चिताओं की राख से,
बना कर ज्वालामुखी हमने,
आज आसमान सिंदूरी कर दिया,
त