गर्भ में सींचा महीनों तक,
बरसों तक दुआओं से पाला है,
मां से बढ़कर इस जग में,
कौन मेरा रखवाला है।
मैंने मां को ना रूकते देखा, ना थकते देखा,
बस चलते देखा कुछ हल करते देखा,
कभी आंगन में तो कभी रसोई,
देखो तो यूं लगे बहुत दिन से नहीं सोई।
संबंध, संबोधन, जीवन और दर्शन,
स
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