घर वापस's image
 कतारों में खड़ा कर के
उनका मज़हब पूछने वालों
अल्लाह की किताबों में भी
उस्तादों की इबादत होती है।।।। 

वो मर कर उन वादियों में बस गए है अब
बर्फीली सर्दियों में धूप की तरह जगमगाएंगे
लाख रोक लो बढ़ते क़दमों को
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