
इन संघर्षो के दिनों में तुम बहुत याद आये,
संगीत में जैसे मधुर धुन राग के बाद आये।
बहती है जब विश्व में अपार आनंद की गंगा,
तो फिर क्यों मेरे नसीब में ही विषाद आये।
कैसे ना सताये वेदना उस खुशहाल घर को,
ब
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इन संघर्षो के दिनों में तुम बहुत याद आये,
संगीत में जैसे मधुर धुन राग के बाद आये।
बहती है जब विश्व में अपार आनंद की गंगा,
तो फिर क्यों मेरे नसीब में ही विषाद आये।
कैसे ना सताये वेदना उस खुशहाल घर को,
ब