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उपवन और बारिश (कविता)

मेरी लेखनी ,मेरी कविता
"उपवन और बारिश" (कविता) 

तू मेघों की रानी
 मैैं उपवन का राजा, 
कभी प्यास मेरी
तू आकर बुझा जा ।।

बड़ी आस  तुझसे
लगा कर मैं बैठा
संचय करूंँगा
जो सौगात देगी,
  उजड़ी है बगिया
तू उतार देगी ।।

समय पर तू आकर
वह अग्नि बुझा जा
 तू मेघाेें  की रानी
मैं उपवन का राजा ।।

सदाँ ही तेरी ओर देखा है मैंने
शराफत भरी
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