"तू चंचल, तू अविरल
 तू नदियों की रानी"
(कविता ) सदानीरा गंँगा माँ's image
00

"तू चंचल, तू अविरल तू नदियों की रानी" (कविता ) सदानीरा गंँगा माँ

मेरी लेखनी, मेरी कविता 
"तू चंँचल, तू अविरल
तू नदियों की रानी"
(कविता) सदानीरा
 गंँगा मां  

तू चंँचल
 तू अविरल
तू नदियों की रानी।
 तू अविराम आंँगन के आंँचल की रानी ।।

तू मेघों का संँबल
तू दिनमान वानी
सदा ही रही है ,
तू पावन धरा पर
ऋषियों के साधन की निर्मल कहानी।

 तू चंचल, तू अविरल
तू नदियों की रानी।
 तू अविराम आँगन के आंँचल की रान
Read More! Earn More! Learn More!