
मेरी लेखनी ,मेरी कविता
"सूर ही पहचान है "
(छंद)
सूर तन मन, सूर जीवन सूर ही पहचान है।
सूर अपनी अस्मिता है सूर अपनी जान है ।
सूर अपनी ले
"सूर ही पहचान है "
(छंद)
सूर तन मन, सूर जीवन सूर ही पहचान है।
सूर अपनी अस्मिता है सूर अपनी जान है ।
सूर अपनी ले
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