सिर्फ एक कहानी हूंँ मैं ( कविता)'s image
344K

सिर्फ एक कहानी हूंँ मैं ( कविता)

मेरी लेखनी मेरी कविता 
सिर्फ एक कहानी हूंँ मैं
(कविता)

रख सको तो एक निशानी हूंँ मैं
 खो दो तो सिर्फ कहानी हूंँ मैं।
रोक न पाए जिससे सारी दुनियाँ
 वह एक बूंँद आंँखों का पानी हूंँ मैं।।

सबको प्यार देने की आदत हमें
 अलग पहचान बनाने की आदत हमें
कितना भी गहरा जख्म दे कोई
 उतना ही ज्यादा मुस्कुराने की आदत हमेंं।

इस अजनबी दुनि
Read More! Earn More! Learn More!