
मेरी लेखनी मेरी कविता
सामने ही जिंदगी खड़ी है
(कविता)उम्मीद
मुस्कुराते चेहरों को
दर्द ने पाला होगा,
जो चल रहा है उसी के
पांव में छाला होगा।।
बिना संघर्ष के
इंसान चमक नहीं सकता,
जो जलेगा उस
सामने ही जिंदगी खड़ी है
(कविता)उम्मीद
मुस्कुराते चेहरों को
दर्द ने पाला होगा,
जो चल रहा है उसी के
पांव में छाला होगा।।
बिना संघर्ष के
इंसान चमक नहीं सकता,
जो जलेगा उस
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