मेरी लेखनी,, मेरी कविता
प्रकृति के हैं लाखों सोपान
(कविता)
प्रकृति विशेषांक
प्रकृति के लाखों हैं सोपान
चाहे कोई जीवन ढूंँढे,
चाहे ढूंँढे ज्ञान ।
प्रकृति के लाखों हैं सोपान।
मेरे चमन की शान निराली
कण-कण में फैली हरियाली,
छोटे ,बड़े सभी पलते हैं
अजब है इसकी शान।
प्रकृति के लाखों हैं सोपान।।
जीवन को ऐसे रचती है
कण-कण में धारा बहती है,
पल -पल यह मानव को देती
 
प्रकृति के हैं लाखों सोपान
(कविता)
प्रकृति विशेषांक
प्रकृति के लाखों हैं सोपान
चाहे कोई जीवन ढूंँढे,
चाहे ढूंँढे ज्ञान ।
प्रकृति के लाखों हैं सोपान।
मेरे चमन की शान निराली
कण-कण में फैली हरियाली,
छोटे ,बड़े सभी पलते हैं
अजब है इसकी शान।
प्रकृति के लाखों हैं सोपान।।
जीवन को ऐसे रचती है
कण-कण में धारा बहती है,
पल -पल यह मानव को देती
 
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