!["नमन कर मात और पित को तुम्हें आशीष लेनी है।"
(कविता) बाल विशेषांक's image](https://kavishala-ejf3d2fngme3ftfu.z03.azurefd.net/kavishalalabs/post_pics/%40harishankar-singh/None/1644460596399_10-02-2022_08-06-56-AM.png)
"नमन कर मात और पित को तुम्हें आशीष लेनी है।" (कविता) बाल विशेषांक
मेरी लेखनी, मेरी कविता
नमन कर मात और पित को तुम्हें आशीष लेनी है। (कविता )बाल विशेषांक
नमन कर
मात और पित को
तुम्हें आशीष लेनी है।
सफल हो जाए
ये जीवन
तुम्हें सौगात लेनी है।
छोड़ दो सोच ऐसी
जो क्षणिक आधार
होती है,
तेरे जीवन की नैया तो ज्ञान से पार होती है।
चला चल तू सफर पर बिन रुके निशदिन, निरंतरता से जीवन की हर मुश्किल पार होती है।
अभिनव जिंदगी <
नमन कर मात और पित को तुम्हें आशीष लेनी है। (कविता )बाल विशेषांक
नमन कर
मात और पित को
तुम्हें आशीष लेनी है।
सफल हो जाए
ये जीवन
तुम्हें सौगात लेनी है।
छोड़ दो सोच ऐसी
जो क्षणिक आधार
होती है,
तेरे जीवन की नैया तो ज्ञान से पार होती है।
चला चल तू सफर पर बिन रुके निशदिन, निरंतरता से जीवन की हर मुश्किल पार होती है।
अभिनव जिंदगी <
Read More! Earn More! Learn More!