
मेरी लेखनी ,मेरी कविता
महिमा- मेरे देश की
मेरा देश है ,बड़ा निराला
तरह-तरह के, रंगों वाला
गँगा गोरी ,यमुना काली शाम सुनहरी ,सुबह उजाली ।
तरह-तरह के मौसम आते ,साथ में ढेरों खुशियां लाते ।
कभी है, होली, कभी दिवा
महिमा- मेरे देश की
मेरा देश है ,बड़ा निराला
तरह-तरह के, रंगों वाला
गँगा गोरी ,यमुना काली शाम सुनहरी ,सुबह उजाली ।
तरह-तरह के मौसम आते ,साथ में ढेरों खुशियां लाते ।
कभी है, होली, कभी दिवा
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