मेरी लेखनी, मेरी कविता
खुद की पहचान को तरस जाते हैं लोग
(कविता)
खुद की पहचान को
तरस जाते हैं लोग।
मुसीबत में अक्सर
भटक जाते हैं लोग।।
हाले जिंदगी का
है किस्सा अजीब।
बड़ा ही निराला है
सबका नसीब ।।
जीवन के पथ पर
फ
खुद की पहचान को तरस जाते हैं लोग
(कविता)
खुद की पहचान को
तरस जाते हैं लोग।
मुसीबत में अक्सर
भटक जाते हैं लोग।।
हाले जिंदगी का
है किस्सा अजीब।
बड़ा ही निराला है
सबका नसीब ।।
जीवन के पथ पर
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